top of page

eSIM क्या है और कैसे काम करता है?

eSIM क्या है (What is eSIM in Hindi) और ये कैसे काम करता है? अभी सुर्ख़ियों में eSIM का बहुत बोलबाला है. क्यूंकि Apple ने अपने नए phone iPhone XS और XS Max में इस eSIM का इस्तमाल किया है. साथ ही उन्होंने Apple Watch Series 3 और Watch Series 4 में भी connectivity के लिए dual SIM support के लिए eSIM का इस्तमाल किया हुआ है. लेकिन सठिक और पूरी जानकारी न होने के कारण लोगों को eSIM के बारे में ठीक से पता नहीं चल पा रहा है. आप लोगों ने भी शायद eSIM के बारे में थोडा बहुत सुना हो और सोच रहे हों की ये normal SIM से किस तरह अलग होता है.

कुछ तो ये भी सोच रहे होंगे की क्या इसे उनके devices में इस्तमाल किया भी जा सकता है या नहीं. इन्ही सभी सवालों का जवाब देने के लिए ही यह article eSIM क्या है और कैसे काम करता है आपके सामने पेश किया गया है. उम्मीद है की ये आपके सभी सवालों का सठिक रूप से जवाब देने में सक्षम हो. हम ये देख सकते हैं अभी के phones और networks इन electronic SIM cards को अपना सकते हैं अपने future smartphones के लिए क्यूंकि इससे उन्हें अपने devices में और physical SIM card (और SIM slot) की जरुरत ही नहीं पड़ेगी. इससे जगह की भारी बचत होगी. ये eSIM न केवल Manufactures के लिए सही है बल्कि ये users के लिए भी बहुत मात्रा में उपयुक्त है. तो असल में क्या होता है ये eSIM? और ये exactly हमारे smart phone में क्या सुविधा प्रदान करने वाला है? जानने के लिए यह आगे पढ़ते रहें.

eSIM क्या है (What is eSIM in Hindi)

eSIM Kya Hai Hindi

eSIM” का Full Form होता है embedded SIM (Subscriber Identity Module) card. इसमें कोई physical SIM cards का इस्तमाल नहीं होता है और न ही आपको कोई physical swapping करने की जरुरत पड़ती है. इस eSIM को next generation connected consumer devices का SIM कहना भूल नहीं होगा. eSIM को सही रूप से चलने के लिए एक network या carrier की जरुरत होती है और जिसे उनके द्वारा बाद में enable किया जाता है, इसलिए आपके नए iPhone XS या XS Max के लिए आपको एक eSIM-compatible network की तलाश करनी होगी जो की उसे चलने में support करे एक second SIM support के तोर पर.

एक eSIM basically एक छोटे chip के तरह ही काम करता है आपके phone के भीतर और ये एक NFC chip के जैसे ही कार्य करता है. eSIM के ऊपर जो information होता है वो rewritable होता है, इसका मतलब की आप एक simple phone call से ही operator बदल सकते हैं. साथ ही इसमें आसानी से कोई data plan add किया जा सकता है – इसके अलावा eSIMs को आपके mobile account के साथ connect करना मिनटों की बात होती है.

एक बात आपको जरुर note करनी चाहिए की iPhone XS और XS Max में एक SIM card के लिए physical SIM slot भी होता है – वहीँ ये eSIM का इस्तमाल एक second SIM support के तरह ही किया जा सकता है. है न ये एक बहुत ही मज़ेदार बात. eSIM में GSMA technology का इस्तमाल होता है, दुसरे mobile networks के association के साथ. यह GSMA पुरे दुनियाभर में eSIM का एक worldwide standard होता है.

कब eSIM को Launch किया जा रहा है?

eSIM को iPhone XS और XS Max में launch किया जा चूका है. साथ ही हम इसे Apple Watch Series 3 और Watch Series 4 में भी देख सकते हैं. इसे users के द्वारा काफी सराहा जा रहा है. अगर में देशों की बात करूँ तब केवल 10 countries में ही फिलहाल ये eSIM support कर रहा है. जो की हैं Austria, Canada, Croatia, the Czech Republic, Germany, Hungary, India, Spain, UK, और US. Company का कहना है की बहुत ही जल्द दुसरे देशों में ये service उपलब्ध करा दी जाएगी.

eSIM आपके Devices के लिए क्या माईने रखती है?

एक बहुत ही बेहतरीन advantage जो ये offer करती है वो ये की design point of view से अगर देखें तब आप इस eSIM का इस्तमाल एक छोटे से device में भी कर सकते हैं क्यूंकि इसमें SIM card को रखने के लिए कोई extra SIM tray की जरुरत ही नहीं पड़ती है. साथ ही आसानी से इसमें manufacturer को network के लिए बहुत सारे SIM cards को distribute करने की जरुरत नहीं होती है.

साथ ही eSIMs आपके दुसरे devices जैसे की laptops और tablets के लिए भी बहुत अच्छा है, क्यूंकि बिना physical SIM Card के ही seamless connectivity प्राप्त की जा सकती है. साथ ही eSIMs के माध्यम से बहुत सारे devices के साथ एक साथ ही इसे connect किया जा सकता है क्यूंकि eSIMs को extra space की जरुरत ही नहीं होती है.

किन Devices में eSIM का इस्तमाल किया जा सकता है?

Apple ने eSIM की connectivity का इस्तमाल अपने Apple Watch Series 3 और Watch Series 4 में किया है साथ ही dual SIM support के तोर पर नए iPhone XS और XS Max में भी किया है. Google’s Pixel 2 भी eSIM support करती है लेकिन ये केवल US के Google’s Project Fi तक ही सिमित है.

India में कौन कौन सी Network Providers eSIM को Suport करते है?

फिलहाल India में बस दो हो network providers है जो eSIM technology को support करते है; वो है Jio और Airtel.

eSIM कैसे काम करता है?


पूछे जाने पर की ये eSIM कैसे नए iPhone XS और XS Max में कार्य करता है, उन्होंने कहा की अगर आपके पास एक physical और eSIM की provision हो और ये दो separate networks के साथ connected होती हैं तब आपका iPhone दोनों networks को एक साथ screen में प्रदर्शित करेगा वो भी एक ही समय में.

अगर आपका handset standby mode में है और दोनों SIM और eSIM provisioned हैं, तब customers अपने दोनों SIM में calls और texts receive कर सकते हैं. फिर आप एक “default” line choose कर सकते हैं जिसमें आप calls, SMS, iMessage और FaceTime का इस्तमाल कर सकते हैं. वहीँ दूसरा line केवल SMS और voice के लिए ही होता है.

Alternatively आप Secondary का इस्तमाल केवल cellular data के लिए कर सकते हैं – ये useful हो सकता है अगर आप abroad जा रहे हों और एक local data eSIM का इस्तमाल कर रहे हों. साथ ही आप एक से ज्यादा eSIM अपने iPhone में इस्तमाल कर सकते हैं, लेकिन आप केवल एक ही SIM का इस्तमाल एक समय में कर सकते हैं.

आप eSIMs को switch कर सकते हैं बताए गए तरीके से tapping Settings > Cellular > Cellular Plans से और फिर सही plan को tap कर जिसे की आप use कर सकते हैं. फिर आप tap कर सकते हैं Turn On This Line.

कैसे eSIM का इस्तमाल आप iPhone XS और XS Max में कर सकते हैं?

अगर आपके पास एक QR code हो:

1.  Go to Settings > Cellular.

2.  फिर Tap करना होगा Add Cellular Plan.

3.  उसके बाद iPhone का इस्तमाल करना होगा QR code को scan करने के लिए जो की आपको carrier provide करता है – वहीँ आपको कोई activation code enter करने के लिए भी कह सकता है.

Or  कैसे आप carrier app से इन्हें activate कर सकते हैं :

1.  इसके लिए पहले App Store को जाएँ और फिर अपने carrier’s app को download करें.

2.  इसी app का इस्तमाल आप कोई cellular plan को खरीदने के लिए कर सकते हैं.

आप अपने plans को label भी कर सकते हैं जिसके लिए आपको ये करना होगा Settings > Cellular. फिर उस number पर tap करें जिसके label को आप बदलना चाहते हैं. इसके बाद आपको tap करना होगा Cellular Plan Label और फिर आपको एक नए label या कोई custom label को enter करना होगा.

eSIM कैसे एक Regular Travelers के लिए एक बेहतरीन विकल्प है?

eSIM के मदद से एक regular traveler को बहुत आसानी होती है. जैसे की हम जानते हैं की travellers का काम ही है की दुसरे देशों को घुमने जाना. वहीँ उन्हें SIM को लेकर हमेशा तकलीफ होती है. साथ में नयी SIM लेना और पुराने को निकालकर नए को लगाना. वहीँ बहुत से charges भी लगते है जैसे की roaming charges. इन सभी तकलीफों से बचने के लिए eSIM एक बहुत ही बढ़िया विकल्प है. इसे activate करना बहुत ही आसान है और इसमें physical SIM की जरुरत नहीं होती है. इसके अलावा ये आसानी से बहुत से devices से connect कर सकते हैं.

eSIM के QAdvantages क्या है?

चलिए eSIM के advantages के विषय में जानते हैं.

  1. यह एक nano sim के टुकड़े के size का होता है. इसलिए ये कहीं पर भी fit हो जाता है.

  2. इसके लिए SIM tray की कोई भी जरुरत नहीं है.

  3. इसमें एक user बहुत ही जल्द दुसरे operator को switch कर सकते हैं. बिना किसी SIM card को बदले. Travellers के लिए ज्यादा उपयोगी होता है.

  4. ज्यादा devices को एक साथ आप connect कर सकते हैं. जैसे की अगर आपके पास smartphone है और smartwatch भी है तब आप इन दोनों को एक ही eSIM से connect कर सकते हैं.

  5. इसमें remote provisioning की सुविधा होती है जिससे आपको पुराने sim को deactivate होने तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा बल्कि नए eSIM को आसानी से activate किया जा सकता है.

  6. यह SIM card phone के साथ embedded होता है इसलिए ये subscriber के सारे information को store किये हुए होता है जो की mobile subscriber को identify और authenticate करने के लिए जरुरी होता है.

  7. नए SIM के लिए आपको SIM card बदलने की कोई जरुरत ही नहीं पड़ती है आप बिना change किये ही ये कर सकते हैं.

  8. eSIM बाकि sim card के तुलना में ज्यादा सुरक्षित होता है.

eSIM के Disadvantages क्या है?

जैसे की सिक्के के दो पहलु होते हैं इसलिए eSIM के भी हैं, तो चलिए इसके विषय में और जानते हैं.

  1. अगर आपके पास बहुत सारे devices हैं और आप अपने operators regular interval में बदलते रहते हैं तब ये आपके लिए थोडा confusion पैदा करेगा क्यूंकि अगर आपके सभी devices connected हैं तब इसे बदलने में confusion आ सकती है और साथ में आपको SIM card को activate करना होगा उस device के software के मदद से. आप केवल पुराने SIM card को निकालकर नया SIM card लगा नहीं सकते हैं जैसे की आप पहले किया करते थे.

  2. अगर आपकी battery low है और आप अपने eSIM को किसी दोस्त के phone से connect कर कोई call करना चाहते हैं तब इसके तकलीफ आ सकती है क्यूंकि Sim card activate होने में थोडा समय लगता है और ये ज्यादा fast और आसान भी नहीं होता है.

  3. eSIM को activate करने के लिए आपको operator से contact करना होगा और उनके द्वारा भेजे गए userid और password को enter कर ही आप SIM को activate कर सकते हैं.

eSIMs का भविस्य क्या है?

eSIMs का भविस्य बहुत ही उज्जवल है. Apple और Google जैसे बड़े companies ने इसे इस्तमाल कर ये ऐलान कर दिया है की SIM cards का अगर कुछ भविष्य है तो वो केवल eSIM ही है. नयी GSMA के technology से users बड़ी ही आसानी से दुसरे network operators को switch कर सकते हैं. इसमें उन्हें ज्यादा तकलीफ लेने की जरुरत ही नहीं है बस एक दो phone calls से ये काम किया जा सकता है.

साथ में जैसे की हम सब ये जानते हैं की दिनप्रतिदिन Mobiles और devices की size छोटी होती जा रही है. ऐसे में SIM size एक बहुत ही बड़ा factor है. इसके अलावा rewritable feature के होने से आसनी से operator में बदलाव लाया जा सकता है. साथ में travellers के लिए SIM की कोई tension नहीं होगी. Future eSIM का ही है क्यूंकि एक बार ये यदि आपके devices के साथ embedded हो गया तब आप इसकी सभी features का भरपूर फायेदा उठा सकते हैं.

Conclusion

मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को eSIM क्या है (What is eSIM in Hindi)? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को eSIM क्या है के बारे में समझ आ गया होगा. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा. यदि आपको मेरी यह post eSIM क्या होता है in Hindi अच्छा लगा हो या इससे आपको कुछ सिखने को मिला हो तब अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Google+ और Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

留言


bottom of page