BS3 और BS4 Engine क्या है? इन दोनो में क्या अंतर है?
- Giridih City Updates
- Apr 3, 2017
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क्या आपको पता है के BS3 और BS4 Engine क्या है? क्यूँ सुप्रीम कोर्ट ने इस इंजन के बिक्री में रोक लगा दी है? यह सब सवाल बहुतों के चिंता का विषय बन गया है. इसी कारण मैंने आज यह Article Difference Between BS3 and BS4 Engine in Hindi में आप लोगों की इन्ही चिन्तावों को दूर करने का कोशिश किया है. हाल ही में ही सुनने में आया की सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार 1 अप्रैल 2017 से बीएस-3 (BS-3) इंजन वाली गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. 1 अप्रैल से हमारे देश में बीएस-3 (BS-3) इंजन वाली गाड़ियाँ न बनायीं या बेची जाएगी. यूँ कहे तो केवल बीएस-4 (BS-4) इंजन गाड़ियां ही बनाई और बेची जाएंगी.
BS3 और BS4 Engine क्या है?
लेकिन इस फैसले से automobile सेक्टर को बड़ा झटका लगा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फैसले के असर से लगभग 8.2 लाख गाड़ियां बेकार हो जाएंगी। जो की इस सेक्टर को एक बहुत बड़ा धक्का है. पूछे जाने पर वाहन निर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) का कहना है की यह एक अविवेक्य कदम है, इस process को पूर्ण करने में उन्हें उतना समय नहीं मिला जितना की उन्हें मिलना चाहिए, जिससे की ऑटोमोबाइल निर्माताओं को बहुत हनी होने की आशंका है. तो अब देरी न करते हुए आइये जानते हैं Difference Between BS3 and BS4 Engine आखिर क्या है पूरी विस्तार में.
भारत में BS Engine का इतिहास
भारत में सबसे पहले BS Engine 1991 में Petrol के लिए और 1992 में Diesel यानों के लिए लागु किया गया था. इसके बाद Catalytic Converter petrol की गाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया और Lead रहित का इस्तमाल करना अनिवार्य कर दिया गया. चूँकि भारत में उस समय अपना एक स्वाधीन मापदंड न होने के कारण इसके सभी मापदंड European मापदंड के मुताबिक ही किया गया है.
BS III को पुरे देश में सन 2010 में लागु किया गया, reference के तोर पे Euro III को रखा गया.
BS IV को सन 2016 में केवल देश के कुछ ही शहरों में अनिवार्य किया गया, reference के तोर पे Euro IV को रखा गया.
भारत सरकार ने बहुत सोच विचार कर भविष्य में BS V Engines को छोड़ कर बहुत ही Bold Step लिया है , और सन 2020 तक BS VI Engines को पुरे देश में लागु करने का लक्ष्य रखा है.
BS3 and BS4 Standards क्या है?
BS या बीएस इन BS3 and BS4 Engine का मतलब है “Bharat Stage” जो भारतीय नियामक निकायों द्वारा निर्धारित उत्सर्जन नियमन मानकों का प्रतीक है. और क्रमांक 3 या 4 इसके विभिन्न types को दर्शाता है. जैसे जितनी ज्यादी क्रमांक संख्या उतनी ही कठिन इसके मानदंड होते हैं, जिससे कंपनी को ज्यादा Research करना पड़ता है उनके गाड़ियों इस प्रकार बनाना पड़ता है जिससे की वो उन मापदंडों में खरा उतर सकें.
आसान भाषा में कहें तो बीएस Standard से वाहनों से होने वाले प्रदूषण का पता चलता है. इसके जरिए ही भारत सरकार गाड़ियों के इंजन से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को रेगुलेट करती है. बीएस मानक (Standard) Central Pollution Control Board तय करती है, और तो और देश में चलने वाली हर गाड़ियों के लिए बीएस का मानक जरूरी है। देखा जाये तो यह मानक (Standard) सभी देश के अलग-अलग भी हो सकते हैं जैसे अमेरिका में यह मानक टीयर-1, टीयर-2 होता है वहीं यूरोप में यूरो मानक होता है, वैसे ही सुई धारा के अनुसार भारत में BS3 and BS4 Engine का इस्तमाल होता है.
BS के आगे लगने वाले Number का महत्व
एक जानने वाली बात यह भी है की बीएस के साथ जो नंबर उसके साथ लगा होता है उससे यह पता चलता है कि वह इंजन कितना प्रदूषण फैलाता है. यानी की जितना ज्यादा नंबर होगा उतना ही कम प्रदूषण होगा. अभी तक देश में बीएस-3 इंजन वाले वाहन को इजाजत थी लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब उन सभी बीएस ३ इंजन पर रोक लग गई है. अब बीएस-4 या उससे अधिक मानक वाले वाहन ही भारत में प्रयोग किए जा सकते हैं.
Difference Between BS3 and BS4 Standards
BS Standard के मुताबिक मोटर गाड़ियाँ कितना प्रदुषण फैलाएगी यह सब चीज़ों को बहुत ही ध्यान दिया जाता है और यह सब का डाटा सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड रखती है. उदहारण के तोर पे किस BS (1/2/3/4) के स्टेज पर गाड़ी कितना Particulate Matter, CO2, NO2, SO2 निर्गत करेगी यह सभी का हिसाब किताब येही बोर्ड रखती है.
Research से यह बात सामने आई है कई BS3 Engine के मुकाबले BS4 Engine 80% तक कम प्रदुषण पैदा करती है, जिससे हमारे वातावरण का कम नुकसान होता है.
वैसे इन दोनों BS3 and BS4 Engine के mileage में ज्याद फरक नहीं है. दोनों में लगभग समान mileage नज़र आया है.
कैसे बेचें BS3 and BS4 Engines (How to sell BS3 and BS4 Engines)
चूँकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार BS3 Engine की न तो Manufacturing होगी और न तो Selling होगी . ऐसा होने पर ऑटोमोबाइल कंपनियों के पास बहुत कम ही विकल्प हैं जिससे वो अपने घाटे को कम से कम कर सकें.
पहला विकल्प यह होगा की वो अपना पुराना स्टॉक, उनके पास जो कुछ भी मेह्जुद है उनको एक्सपोर्ट मार्केट में भेज दे. उदाहरण के तोर पर हीरो मोटोकॉर्प की सिर्फ 4-5 प्रतिशत बाइक्स एक्सपोर्ट होती हैं जबकि बजाज ऑटो अपनी आधी बाइक्स एक्सपोर्ट कर देती है. एक सर्वे से पता चला है की बड़े वाहनों के मुकाबले दोपहिया वाहन कंपनियों के लिए शिपिंग कॉस्ट ज्यादा किफायती होती है और इसमें ज्यादा नुकसान भी नहीं है.
दूसरा विकल्प यह होगा की ये कंपनियां 31 मार्च तक अपने बचे हुए स्टॉक्स इन बचे दिनों में ज्यादा डिस्काउंट देकर गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने की कोशिश करें जिससे इनकी सेल भी हो जाएगी और कुछ मुनाफा भी हो जायेगा लेकिन ज्यादा डिस्काउंट देने पर इन कंपनियों के ऑपरेशनल मार्जिन में कमी आएगी, और कंपनी घाटे में भी जा सकती है.
तीसरा, ऑटोमोबाइल कंपनियां पुरानी इन्वेंटरी में अपने BS3 Engine की थोड़ी Technical Change या रेट्रोफिटिंग कर सकती हैं, और ऐसा करने से वे नए बीएस-4 एमिशन नॉर्म्स के अनुकूल हो जाएंगी जिससे कंपनियां 31 मार्च के बाद भी BS3 Engine की सेल कर सकती हैं. मिसाल के तोर पर मोटरसाइकिल कंपनियों को अपनी बाइक्स नए नॉर्म्स के हिसाब से करने के लिए उसमे कुछ बदलाव लेन पड़ेंगे जैसे की कार्बन कैनिस्टर लगाना होगा. ऐसे होने से उन्हें कुछ और एक्स्ट्रा पैसे भी खर्चे करने पड़ेंगे. इसमें एक दिक्कत यह भी आएगी की कंपनियों को अपनी पुरानी इन्वेंटरी को फैक्ट्री लाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट उठाना होगा जिससे उन्हें और ज्यादा का खर्चा भी पद सकता है.
ऐसा पाया गया है की अधिकतर ऑटोमोबाइल कंपनियों ने दोपहिया,चार पहिया वाहनों के दाम घटाकर समय से पहले ज्यादा से ज्यादा वाहन बेंच लेने के विकल्प को चुना है और लोगों ने भी दाम कम होने के बाद गाड़ी खरीदने में positive reaction दिखाई है। जिससे की कई शोरूम के हालात तो ये हैं वहां एक दिन पहले ही गाड़ियां खत्म हो चुकी हैं।
आखिर ऐसा क्यूँ हुआ इस बार ?
हमें तो मानना ही पड़ेगा की यह बात सुप्रीम कोर्ट का एक ऐतिहशिक कदम रहा है. इस कानून के तहत यदि गाड़ियाँ कम प्रदुषण करे तो हमारे देश की प्रदुषण की दशा बहुत हद तक कण्ट्रोल में हो जाएगी जो की एक खुश खबरी है.
यदि हम Manufacturing Company की नजरिये से देखें तो उन्हें एक नया इंजन बनाने के Research में कई साल लग जाते हैं. एक बार डिजाईन बन जाये तो उसे Full Fledged तैयार करने में भी कुछ साल और बीत जाते हैं. फिर यदि Resarch में ज्यादा कर्चा हो गया तो Engine के Cost भी बढ़ने के काफी चांस है. हमें तो पता है की Price को लेकर Indian Market कितना सम्वेदंसिल है. तो उन्हें यह सारे पहलूवों पर नज़र रखनी पड़ती है.
Automakers को BS IV की मॉडल बनाने के लिए April 1, 2017 से पहले तक का समय दिया गया था. कुछ Automakers ने इस लक्ष्य को प्राप्त भी किया है. पर जो Automakers के पास पहले से ही बहुत सा स्टॉक था उन्हें इस decision से बहुत तकलीफ हुई है.
Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM) के कहने के मुताबिक उन्हें और ज्यादा समय की आवश्यकता है क्योंकि Stocks की quanity बहुत ही ज्यादा है. पर केंद्र सर्कार का कहना है की उन्होंने इस काम को करने के लिए काफी समय दिया हुआ था और तो और उन्होंने अच्छी क्वालिटी के तेल के लिए भी काफी कर्चा किया हुआ है.
क्या है BS Engines का भविष्य (Future of BS Engines)
अभी के लिए BS IV Engines April 1, 2017 से पूरा देश में इस्तमाल करना अनिवार्य है. जिससे भी यदि अभी नयी गाड़ी खरीदनी है उन्हें थोडा ज्यादा पैसे कर्च करने पड़ेंगे पहले के मुकाबले. पर देखा जाये तो इससे हमारे देश की प्रदुषण की मात्रा काफी हद तक कम हो जाएगी.
सुनाने में आया है की केंद्र सरकार के मुताबिक 2020 तक पुरे देश में BS VI Engines लागु कर दिया जायेंगे, और BS V Engines को ignore कर दिया जायेगा. और केंद्र सरकार Petrol और Diesel के purity के ऊपर भी बहुत कर्च करने वाली है.
ऐसे करने के लिए automakers को भी अपने तरफ से इस मुहीम में भाग लेना पड़ेगा, उन्हें भी अपने Infrastructure को improve करने पड़ेगा, और उनके manufacturing plants को upgrade करने पड़ेगा जिससे की वो BS VI Engines की production कर पाए.
इस प्रकार भले ही गाड़ियों की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी नज़र आ सकती है पर इससे कई फयिदे भी है. और Customers के पास कई विकल्प भी मेह्जूद होंगे. और हमारी गाड़ियाँ भी अंतररास्ट्रीय बाज़ार के Standard की हो जाएगी. और जिससे उन्हें हमारे देश में व्यापार करने में सुविधा होगी.
Note: गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को मापने के लिए भारत में बीएस तो अमेरिका में टियर और यूरोप में यूरो मानक होता है।
मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को BS3 और BS4 Engine क्या है & Difference Between BS3 and BS4 Engine in Hindi के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को भारत सरकार की तरफ से यह ऐतिहासिक कदम समज आ गया होगा. मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन Doubt का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख Difference Between BS3 and BS4 Engine कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले.
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