Nipah Virus क्या है और इससे कैसे बचें?
- Giridih City Updates
- Jun 1, 2018
- 8 min read
आख़िर ये Nipah Virus क्या है (What is Nipah Virus in Hindi)? क्यूँ हमें इसके विषय में जानना चाहिए? मुझे पता है की कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में Nipah Virus की खबर फैली हुई है. ये निपाह वायरस (NiV) infection एक बहुत ही नयी बीमारी है जो की मुख्य रूप से पशुओं में पाई जाती है और उनसे इंसानों में फैलती है. इस virus का natural host होते हैं फल खाने वाले चमगादड़. ये Pteropodidae के Family से होते हैं, और Pteropus genus के होते हैं.
इंसानों में NiV की infection की बहुत से प्रकार हैं जिन्हें की अलग अलग clinical presentations में बांटा जा सकता है, जैसे की asymptomatic infection, acute respiratory syndrome और fatal encephalitis. इसके अलावा ये दुसरे पालतू जानवरों को भी अपना शिकार बना सकता है. अभी तक इस बीमारी के लिए कोई vaccine मेह्जुद नहीं है जिससे की इंसानों और पशुवों को बचाया जा सके. एक बात का विशेष ध्यान दें की इस बीमारी का सबसे मुख्य इलाज है की मरीजों को intensive supportive care की जरुरत होती है. अगर उन्हें सही तरह से देखभाल किया जाये तब वो इस बीमारी से बच भी सकते हैं.
जानकारों का कहना है की ये बीमारी तब फैली जब कुछ लोगों ने चमगादडों के द्वारा खाए गए फलों को खाया. ऐसा करने से वो इस virus के संपर्क में आये और बाद में बीमार भी हुए. बाद में इंसानों के बिच भी ये बीमारी एक दुसरे में फैलती चली गयी. इसलिए मरीजों का ख़ास देखभाल करना बहुत ही जरुरी है इसे आगे संक्रमित होने से रोकने के लिए.
अगर हम भारत की बात करें तब ये virus सबसे पहले Kerala में पाया गया. वहां कुछ मरीजों में इस virus के लक्षण पाए गए. अचानक हुए इस virus attack को doctors भी समझ नहीं पाए जिसके चलते करीब 8 लोगों की जान चली गयी. बाद में पाया गया की इन लोगों में से 3 लोगों की जान Nipah Virus(NiV) से संक्रमित होने से गयी है ऐसा National Institute of Virology, Pune का कहना है. इस समस्या के गंभीरता को देखते हुए स्वस्थ्य मंत्रालय का कहना है की सरकार इस समस्या का मुकाबला करने की भरपूर कोशिश कर रही है, इसके साथ लोगों को ज्यादा न डरने की सलाह देती है. ये virus हमारे लिए पूरी तरह से नयी चीज़ है इसलिए आज में इस post के द्वारा ये कोशिश करूँगा की आप लोगों तक Nipah Virus in hindi से सम्बंधित पूरी जानकारी पहुंचा सकूँ.
निपाह वायरस क्या है (What is Nipah Virus in Hindi)

Nipah virus (NiV) एक zoonotic virus (ऐसा virus जो की इंसानों को transmit होता है पशुवों से) है. इस virus से पीड़ित मरीजों में बहुत से प्रकार के लक्षण दिखाई पड़ती हैं जैसे की asymptomatic (subclinical) infection से लेकर acute respiratory illness (साँस लेने में तकलीफ) और fatal encephalitis (दिमागी बुखार) जैसे बीमारी. इसके अलावा ये वायरस अन्य पशुओं को भी अपना शिकार बनाता है जैसे की शुवर (pig), चमगादड इत्यादि, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
Nipah virus बहुत ही समानता रखता है Hendra virus के साथ. ये दोनों वायरस members हैं genus Henipavirus का, जो की एक नया class है virus का Paramyxoviridae family में. माना की ये Nipah virus ने बहुत ही कम जगहों में अभी तक हमला बोला है लेकिन ये बहुत ही जल्द लोगों में फ़ैल जाता है जिससे ये बहुत ही बड़े range में animals (पशुओं और इंसानों) को अपना शिकार बनाता है जिससे काफी जनहानी होती है. जिसके चलते ये एक public health concern बन गयी है.
Nipah Virus के विषय में कुछ Key Facts
Nipah virus एक RNA virus है जो की Paramyxovidae family का एक हिस्सा है.
यह एक zoonotic pathogen है जो की पशुओं में respiratory illness करती है वहीँ इंसानों में दिमागी बुखार.
इस बीमारी के बारे में सबसे पहले सन 1998 में Malaysia में पता चला. उसके बाद सन 1999 में Singapore में.
Nipah virus मुख्य रूप से पालतू पशुओं को अपना शिकार बनाती है.
इस virus से पीड़ित मरीजों में बहुत से प्रकार के illnesses दिखाई पड़ी है जैसे की asymptomatic (subclinical) infection से लेकर acute respiratory illness (साँस लेने में तकलीफ) और fatal encephalitis (दिमागी बुखार) जैसे बीमारी.
Nipah virus बड़ी आसानी से पशुओं (bats, pigs) से इंसानों तक transmit होती है, इसके अलावा ये directly human-to-human भी transmit हो सकती है.
Fruit bats जो की Pteropodidae family को belong करते हैं वो इस nipah virus के natural host होते हैं.
अभी तक इस बीमारी के लिए कोई भी treatment या vaccine available नहीं है. केवल supportive care से ही पीड़ित इन्सान को बचाया जा सकता है.
Nipah virus को WHO ने अपने Blueprint priority diseases की लिस्ट में स्थान दिया है.
Past Outbreaks कहाँ पाए गए हैं
NiV को सबसे पहले Kampung Sungai Nipah, Malaysia में सन 1998 में पाया गया था. वहां पर इस virus ने अपनी मृत्यु लीला दिखाई थी. उस समय में ये virus मुख्य रूप से pigs के द्वारा फैलता था. लेकिन उसके बाद जब भी NiV के outbreaks को देखा गया, वहां पर कोई भी intermediate hosts नहीं पाया गया. फिर सन 2004 में ये virus को Bangladesh में देखा गया जब ये virus इंसानों को भी infect करता चला गया.
Serologic evidence के आधार पर ये NiV वायरस natural reservoir जैसे की Pteropus bat species में पाया गया है. इसके साथ ये दुसरे देशों में जैसे की Cambodia, Thailand, Indonesia, Madagascar, Ghana और Philippines के अन्य bat species के प्रजाति में भी पाया गया है.
Transmission
NiV एक zoonotic virus (ये virus पशुओं से इंसानों में transmitted होता है) होता है. इसके सबसे पहले outbreak के दोरान (Malaysia और Singapore) में ज्यादातर human infections पीड़ित pigs या उनके संक्रमित tissues के direct contact में आने से हुई थी. ये Transmission respiratory droplets, या उनके throat और nasal secretions के contact में आने से भी होते है.
वहीँ Bangladesh और India में ये transmission मुख्य रूप से संक्रमित फल और उसके उत्पादों को खाने से हुए थी. ये वही फल हैं जिन्हें की चमगादडों द्वारा contaminate किया गया था उनके urine और saliva से. बाद में ये transmission इंसानों के बिच पीड़ित मरीजों के contact में आने से हुई.
निपाह वायरस के Signs और Symptoms क्या है
Human infections में मुख्य रूप से asymptomatic infection, acute respiratory infection (सासों में infection) (mild, severe), और fatal encephalitis (दिमागी बुखार) पाई गयी है. शुरुवाती दोर में Infected इन्सान में symptoms जैसे की बुखार होना, headaches, myalgia (muscle pain होना), vomiting (उलटी) और sore throat (गला फूल जाना) होता है. इसके बाद मरीजों का सर भारी होने लगता है जिससे dizziness, drowsiness, altered consciousness, और दुसरे neurological signs दिखाई पड़ते हैं. कुछ लोगों में तो atypical pneumonia और severe respiratory problems, जिसमें acute respiratory distress भी पाया गया है. इसके अलावा कुछ cases में तो Encephalitis और seizures भी पाया गया है कुछ severe cases में, जो की बाद में coma तक चला जाता है 24 से 48 hours के भीतर.
इस बीमारी की incubation period (infection से लेकर symptoms दिखने तक का समय) is 4 से 14 days हैं. इसके साथ तो कहीं कहीं ये incubation period 45 days तक भी report किया गया है. इसके लक्षण को अगर सही समय में पहचान लिया गया तब मरीजों को ज्यादा तकलीफ नहीं उठाना पड़ता है.
Diagnosis कैसे करे
इस बीमारी की शुरुवाती signs और symptoms specific नहीं होती है जिसके चलते इसके diagnosis में काफी तकलीफ होती है. और अगर accurate diagnosis नहीं होती है तब तो इसे ज्यादा फ़ैलाने से कोई भी नहीं रोक सकता है.
NiV infection को clinical history के साथ diagnoses किया जाता है एक साथ इसके acute और convalescent phase में. क्यूंकि उस समय बीमारी ज्यादा severe नहीं होती है. Main tests में real-time polymerase chain reaction (RT-PCR) किया जाता है bodily fluids के साथ और antibody detection किया जाता है ELISA के द्वारा. इसके अलग अलग tests भी हैं जैसे की :
Enzyme-linked immunosorbent assay (ELISA)
Polymerase chain reaction (PCR) assay
Virus isolation cell culture के द्वारा.
Treatment कैसे करे
फिलहाल तो NiV infection के लिए कोई भी specific drugs या vaccines उपलब्ध नहीं है. लेकिन फिर भी इसे priority disease के हिसाब से WHO के R&D Blueprint में स्थान दे दिया गया है. हाँ एक चीज़ हम जरुर कर सकते हैं जैसे की मरीजों का Intensive supportive care करना जिससे की severe respiratory और neurologic complications को काफी हद तक control में लाया जा सकता है.
Prevention क्या है
कैसे पालतू पशुओं में इस Nipah virus को control करें
अभी तो Nipah Virus को control करने के लिए कोई भी vaccines उपलब्ध नहीं है. लेकिन अगर सही रूप से इन जानवरों का ख़याल रखा गया तब जरुर बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है. इसके लिए farms को साफ़ करना होगा और disinfection भी करना होगा सही chemicals का इस्तमाल कर .
अगर किसी जानवर के affected होने की खबर मिली तब उस animal premises को तुरंत quarantined कर देना चाहिए. वहीँ अगर कोई पीड़ित जानवर मर जाये तब उसका सही रूप से burial और incineration करना चाहिए सही supervion में. इससे बहुत हद तक बीमारी को control किया जा सकता है. इसके अलावा ऐसे जानवरों को कहीं दुसरे जगह जाने से रोका जाना चाहिए. अगर नए cases का जल्द पता चल जाये तब समय रहते इन virus को आगे फैलने से रोका जा सकता है.
कैसे इस लोगों तक पहुँचने से रोके
सही और licensed vaccine के उपलब्ध नहीं होने के कारण, अगर इस रोग को फ़ैलने से रोकना है तब हमें लोगों के बिच जागरूकता बढ़ानी होगी, उन्हें इस रोग के विषय में अच्छे तरीके से समझाना होगा जिससे की वो भी दूसरों को इसके विषय में बता सकें. इससे वो भी इस बीमारी के संपर्क में कम आयें जिससे बहुत हद तक Nipah Virus को control किया जा सकता है.
Public Health Educational Messages किन बातों को Focus करना चाहिए :

लोगों को यदि बीमारी के सम्बंधित जानकारी प्रदान किया जा सके तब हम काफी हद तक इसपर control कर सकते हैं. तो चलिए इसी के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं.
1. Bat-to-human transmission के risk को कैसे कम करें : हमारा ज्यादा focus चमगादडों को date palm sap और दुसरे fresh food products के contact में आने से रोकना है. यदि हम चमगादडों को ऐसे sap collection sites से दूर रख सकने तब हम बहुत हद तक इन्हें infect होने से रोक सकते हैं. इसके लिए हम protective coverings (जैसे की bamboo sap skirts) का इस्तमाल कर सकते हैं. इसके अलावा Freshly collected date palm juice को सही तरीके से boil करना चाहिए और fruits को thoroughly wash करना चाहिए और खाने से पहले peel करना चाहिए.
2. Animal-to-human transmission के risk को कैसे कम करें : पीड़ित जानवरों के पास जाने से पहले Gloves और masks पहन लें. यदि वो मर जाये तब सही supervison में उन्हें creminate करें तक उससे किसी दुसरे जानवर को कोई तकलीफ न हो. इसके अलावा जितना हो सके इन जानवरों को लोगों से दूर ही रखें.
3. Human-to-human transmission के risk को कैसे कम करें: हमेशा पीड़ित व्यक्ति से मिलने से पहले खुद को protect कर लें जिससे आपको उनके physical contact में आने की जरुरत ही नहीं. इसके अलावा आपको मरीजों को देखने के बाद बार बार अपने हाथों को भी धोना चाहिए जिससे infection होने का खतरा पूरी तरह से कम हो जाये.
Health-Care Setting में infection को Control कैसे करे
Health-care workers जो की मरीजों का ख्याल रख रहे हैं उन्हें अपने आपका ख़ास ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ उन्हें सभी मरीजों के साथ समान standard infection control impliment करना चाहिए.
Patients को एक special ward में रखा जाना चाहिए जहाँ की बिना permission के प्रवेश को रोका जाने की सुविधा हो.
NiV Samples को collect करने के लिए केवल trained staff का ही इस्तमाल करना चाहिए जो की ऐसे suitably equipped laboratories में पहले काम कर चुके हैं.
मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को निपाह वायरस क्या है (What is Nipah Virus in Hindi)? इसे कैसे रोका जाये ? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को Nipah Virus क्या है के बारे में समझ आ गया होगा. मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख Nipah Virus क्या है? और ये कैसे काम करता है? कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले. मेरे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Google+ और Twitter इत्यादि पर share कीजिये.
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