Mutual Fund क्या है और उसके प्रकार
- Giridih City Updates
- Dec 24, 2017
- 8 min read
क्या आपने कभी म्यूच्यूअल फण्ड क्या है (Mutual Fund in Hindi) के बारे में सुना है? क्या आप जानते है की ये कैसे काम करते है? अगर नहीं तो आज में आपको इसके बारे में बताऊंगा.
बहुत से लोग केवल इनके बारे में सुनते ही मन में कई कल्पना कर लेते हैं और बिना कुछ जाने ही इसके बारे में उलटी सीधी चीज़ मन में सोच लेते हैं. जो की करना बिलकुल भी सही नहीं है.
इसलिए आज मैंने सोचा क्यूँ न आप लोगों के मन में जो Mutual Funds in hindi को लेकर जो गलत्फैमी बैठी है उसे आज दूर करते हैं और इसकी सच्चाई से आपको वाकिब करते हैं.
म्यूच्यूअल फण्ड से पैसा कमाने का एक बहुत ही अच्छा और आसान तरीका है. इसमें निवेश करने के लिए आपके पास हज़ारों रुपये हो ये जरुरी नहीं. बल्कि आप मात्र 500 रुपये हर महीने की दर से भी इसमें निवेश कर सकते है.
बहुत से लोग Mutual Funds और stock/share market को एक ही मानते है पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है. म्यूच्यूअल फण्ड और share market दोनों ही बाजार का हिस्सा है पर दोनों में बहुत ज्यादा अंतर है.
आज की इस पोस्ट से हम जानेंगे की इनमे क्या अंतर है और आखिरकर ये Mutual Funds क्या होता है और कैसे इसमें हम safely निवेश कैसे कर सकते हैं?
म्यूच्यूअल फण्ड क्या है (Mutual Funds in Hindi)

Mutual Fund जैसा की नाम से ही पता लगता है की क्या होता है? यह एक फंड (संग्रह) होता है जिसमे बहुत सारे निवेशकों का पैसा एक साथ पारस्परिक रूप से रखा जाता है धन के इस समूह को सबसे अधिक संभव मुनाफा अर्जित करने के लिए manage किया जाता है.
आसान शब्दों में कहें तो Mutual Funds बहुत सारे लोगों के पैसे से बना हुआ फण्ड होता है. जिसमे लगाया गया पैसे अलग अलग जगहों पर निवेश करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और कोशिश की जाती है की निवेशक को उसकी रकम से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा दिया जाए.
Fund को प्रबंधित करने का काम एक पेशेवर व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिसको पेशेवर फंड मैनेजर (Professional Fund Manager) कहा जाता है.
Proffesional fund manager का काम म्यूच्यूअल फण्ड की देख रेख करना व फण्ड के पैसे को सही जगह पर लगा कर अधिक मुनाफा कराना होता है. अगर आसान शब्दों में कहें तो इसका काम लोगो के लगाये गए पैसो को मुनाफे में बदलना होता है.
Mutual Funds SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के अंतर्गत पंजीकृत हैं जो कि भारत में बाजार को नियंत्रित करता है. निवेशकों के पैसो को बाजार में सुरक्षित रखने का काम SEBI के द्वारा किया जाता है. SEBI द्वारा सुनिश्चित किया जाता है की कहीं कोई कंपनी लोगों के साथ धोखा तो नहीं कर रही.
Mutual Funds भारत में बहुत लंबे समय से मौजूद है पर आज भी लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. शुरूआती समय में लोगों की धारणा थी की Mutual Funds केवल अमीर वर्ग के लिए है.
पर ऐसा बिलकुल नहीं है और आज के समय में ये धारणा बदलती हुयी नजर आ रही है. लोगों का रुझान Mutual Funds की तरफ बढ़ा है. आज के समय में Mutual Funds केवल अमीर वर्ग के लिए नहीं है.
बल्कि कोई भी व्यक्ति मात्र 500 ₹ हर महीने की दर से Mutual Funds में निवेश कर सकता है. Mutual Funds में निवेश की न्यूनतम राशि 500 रुपये है.
History of Mutual Funds In India
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार की पहल पर भारत पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन के साथ भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 में शुरू हुआ था.
इसका मुख्य उद्देश्य था छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और उन्हें निवेश तथा बाजार से सम्बंधित विषयों से अवगत कराना.
UTI का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत 1963 में किया गया था. इसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गयी थी. और शुरूआती समय में इसने RBI के अंतर्गत काम किया.
1978 में UTI को RBI से अलग कर दिया गया. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) को आरबीआई के स्थान पर विनियामक (Regulatory) और प्रशासनिक नियंत्रण (Administrative control) का अधिकार मिला. और UTI ने इसके अंतर्गत काम करना शुरू किया .
भारत में Mutual Funds के विकाश को कई चरणों में बांटा जा सकता है. जैसे की पहला चरण 1964 से 1987 तक का था जिसमे UTI के पास 6700Cr ₹ का fund आ चूका था.
इसके बाद 1987 से दूसरा चरण शुरू होता है इसमें public sector फण्ड की entry शुरू हुयी. इस समय में बहुत सारे बैंको को Mutual Funds बनाने का मौका मिला.
SBI ने पहला NONUTI mutual fund बनाया. दूसरा चरण 1993 में खत्म हुआ पर दूसरा चरण के खत्म होते होते AUM यानी की Assets under management ₹6700Cr से कहीं ज्यादा बढ़कर ₹47004CR हो गया. इस चरण में निवेशकों के मध्य म्यूच्यूअल फण्ड में काफी उत्साह देखने को मिला.
तीसरा चरण 1993 से शुरू हुआ जो की 2003 तक चला. इस चरण में private sector funds को मंजूरी मिली. इसी चरण में निवेशकों को Mutual Funds के ज्यादा विकल्प मिले . इस चरण का अंत 2003 में हुआ.
चौथा चरण 2003 से शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है. 2003 में UTI को दो अलग चरणों में बाँट दिया गया. पहला SUUTI और दूसरा UTI mutual fund जो की SEBI MF के नियमो के अनुसार काम करते थे. 2009 की आर्थिक मंदी का असर पूरी दुनिया पर पढ़ा.
भारत में भी निवेशकों का काफी नुकसान हुआ. इससे लोगों का भरोसा म्यूच्यूअल फंड्स से थोडा सा कम हुआ. पर धीरे धीरे ही सही यह उद्योग वापस पटरी पर आने लगा. 2016 में AUM ₹15.63 trillion हो चूका था. जो की अब तक का सबसे ज्यादा था.
निवेशकों की संख्या लगभग 5 CR के ऊपर हो चुकी है और हर महीने लाखों नए निवेशक जुड़ रहे है. यह चरण म्यूच्यूअल फंड्स के लिए सुनेहरा साबित हुआ है.
Types of Mutual Funds in Hindi
म्यूच्यूअल फंड्स कई प्रकार के होते है. इनको हम 2 श्रेणियों में बांट सकते है. पहला संरचना के आधार पर Mutual Funds के प्रकार और दूसरा asset के आधार पर Mutual Funds के प्रकार.
A) संरचना के आधार पर Mutual Funds के प्रकार
1. Open ended mutual fund ओपन एंडेड फंड्स = इस योजना में निवेशकों को किसी भी समय पर Funds को बेचने या खरीदने की अनुमति प्रदान की जाती है. इसमें funds खरीदने या बेचने की कोई निश्चित तिथि या अवधी नहीं होती.
ये fund निवेशकों को तरलता प्रदान करते है इसलिए निवेशकों द्वारा काफी पसंद किये जाते है.
2. Close ended Mutual Funds इस प्रकार की योजना में एक निर्धारित परिपक्वता अवधि होती है और निवेशक funds केवल fund अवधि के दौरान खरीद सकते हैं. और इस तरह के फण्ड शेयर मार्किट में भी शामिल किये जाते है. इसके बाद इनको trading के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
3. Interval Funds(अंतराल फंड्स) Mutual Funds का यह प्रकार open ended funds और close ended funds दोनों के साथ मिलकर बना हुआ होता है. इसमें दोनों फंड्स की सुविधाएं प्रधान की जाती है.
यह निवेशकों को पूर्व–निर्धारित अंतराल (Interval) पर funds का कारोबार करने की अनुमति प्रदान करता है. तथा उस निर्धारित अवधि पर funds की trading की जा सकती है.
ये तो बात हुयी संरचना के आधार पर Mutual Funds के प्रकार की, अब हम बात करेंगे की asset के आधार पर Mutual Funds कितने प्रकार ले होते है.
B) एसेट के आधार पर म्यूच्यूअल फंड्स के प्रकार
1. Debt funds डेब्ट फंड्स = इस तरह के फंड्स मैं निवेशक को जोखिम बहुत कम होता है. निवेशक डिबेंचर्स , सरकारी बॉन्ड और अन्य निश्चित आय में निवेश करते हैं जो को सुरक्षित निवेश हैै.
Debt फंड्स निश्चित रिटर्न प्रदान करते है . अगर आप एक स्थिर आय चाहते है तो यह फण्ड आपके लिए है.निवेशक की कमाई यदि फंड्स से 10,000 से अधिक है तो निवेशक को कर भरना पड़ेगा.
2. Liquid Mutual Funds लिक्विड फंड्स = यह भी निवेश करने के लिए एक सुरक्षित विकल्प है. लिक्विड फण्ड कम समय वाले ऋण उपकरणों में निवेश करते है. इसलिए अगर आप कम समय के लिए निवेश करना चाहते है तो liquid funds आपकी पसंद हो सकते है.
3. Equity funds इक्विटी फंड्स = अगर आप दीर्घकालीन लाभ पाना चाहते है तो Equity funds आपके लिए है. ये फंड्स शेयर market में निवेश करते है. इस तरह के फंड्स में जोखिम भी शामिल होता है पर इनसे होने वाला मुनाफा औरों के मुक़ाबले अधिक होता है.
4. Money Market Funds इस तरह के funds Short term में निवेशकों के लिए उचित रिटर्न प्रदान करते है. इसमें सुरक्षित जगहों पर निवेश किया जाता है.
5. Balanced Mutual Funds इस तरह के फंड स्कीम में equity फण्ड और Debt फंड का मिलाजुला फायदा मिलता है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड में जमा हुए फंड को इक्विटी और डैब्ट दोनों जगहों पर ही निवेश किया जाता है.
इस प्रकार के फंड निवेशकों को जहाँ एक ओर तो आय में स्थिरता देते हैं दूसरी ओर आय वृद्धि को भी गति प्रदान करते है.
इन फंड्स के अलावा भी कई तरह के फंड्स होते है पर मुख्य रूप से और सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाये जाने वाले फंड्स यही है.
Mutual Fund में पैसे invest कैसे करें ?
वैसे तो Market में आपको ऐसे कई सारे Android App मिल जायेंगे जिनका इस्तमाल कर आप आसानी से Mutual Fund में invest कर सकते हैं. उनमें कुछ ख़ास हैं जैसे की Groww,MyCams,InvesTap,KTrack Mobile App,IPRUTouch App इत्यादि.
वहीँ मेरी सलाह माने तो आप Groww Mutual Fund App का इस्तमाल कर सकते हैं. क्यूंकि मैं बहुत समय से इस app का इस्तमाल कर रहा हूँ और मुझे अभी तक भी कोई दिक्कत नहीं हुई है.
Groww App (Android) : – Sign Up Now
इस link के जरिये आपको पहले Groww App में sign up करना होगा अगर आपके पास पहले से account नहीं है तब. वहीँ एक बार आपने account बना दिया तब आप आसानी से इस app के माध्यम से Mutual Fund में पैसे invest कर सकते हैं.
Mutual Funds के फायदे
वैसे तो Mutual Funds के कई फायेदे हैं लेकिन जो important फायेदे हैं उसके बारे में में आज में आप लोगों को पूरी जानकारी देने ही कोशिस करूँगा.
1. Professional Management आपके द्वारा म्यूच्यूअल फंड्स में लगाया गया पैसा म्यूच्यूअल फंड्स विशेषज्ञों द्वारा उनके अनुभव और उनके हुनर के साथ manage किया जाता है.
ये पैसा लगाने से पहले जिस फण्ड में पैसा लगते है उसकी पूरी तरह से रिसर्च करके जानकारी जूटा लेते है अगर उसके बाद इनके द्वारा जुटाई गयी जानकारी के अनुसार आपके पैसे में वृद्धि होती है तो ही ये निवेश करते है.
2. Diversification (विविधता) सुरक्षित निवेश का मूल मंत्र है की अपने पैसे को एक जगह न लगा कर बहुत सारी जगहों पर बाँट दो और कई सारी जगहों पर निवेश करो. हर mutual फण्ड पैसे को अलग अलग जगहों पर निवेश करता है.
अच्छे फण्ड में न केवल दूसरी कंपनी बल्कि दुसरे सेक्टर या शायद अलग size की कंपनी में भी निवेश किया जा सकता है. जिससे निवेशकों को अधिकतम सुरक्षा मिलती है.
3. Variety (विकल्प) Mutual Funds में आज हर तरह के व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ है. ज्यादा रिटर्न्स की चाहा रखने वालो के लिए ज्यादा रिटर्न्स वाले, अधिकतम सुरक्षित निवेश की इच्छा रखने वालो के लिए अधिकतम सुरक्षित फंड्स से लेकर हर तरह के फंड्स मौजूद है.
आप किसी भी तरह के निवेश की इच्छा रखते हो पर मुमकिन है की आपके लिए कोई न कोई mutual fund जरूर बना होगा और वो आपकी जरुरत के अनुसार बैठेगा.
4. Convenience (सुविधा) आप बड़ी ही सरलता से Mutual Funds में निवेश कर सकते है. उतनी ही सरलता से आप फंड्स से पैसे निकाल भी सकते है. निवेश करने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा जो की आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों जगहों या कहीं पर से भी भर सकते है.
इसके बाद आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही तरीको से फंड्स बेच या खरीद सकते है. Mutual Funds में काफी विकल्प होने के साथ साथ काफी ज्यादा सुविधाएं भी है.
5. Affordable (सस्ता) बड़ी कंपनियों के शेयर की कीमत काफी ज्यादा होती है. बहुत बार आप उन कंपनियों में पैसा लगाना चाहते है पर आपका बजट कम होने की वजह से आप ऐसा नहीं कर पाते. जबकि Mutual Funds में बहुत सारे लोगों का पैसा एक साथ होता है तो आपके पैसे से बड़ी कंपनियों में निवेश किया जाता है.
और आपका पैसा वहां पर ज्यादा मुनाफा अर्जित करता है. mutual फंड्स न केवल बड़े बल्कि छोटे निवेशकों को बड़ी कंपनियों में Mutual Funds के जरिये निवेश करने का रास्ता है.
6. Tax Benefits जब भी आप शेयर बाजार में निवेश करते है तो आपको शेयर खरीदने या बेचने के लिए टैक्स देना पढता है. पर Mutual Funds में आपको टैक्स पर छूट मिलती है.
कुछ फंड्स में आपको अपने मुनाफे पर कुछ अवधी तक कोई टैक्स नहीं भरना पढता. टैक्स में मिलने वाली छूट भी एक वजह है जिससे ये काफी लोकप्रिय होते जा रहे है.
Mutual Funds में निवेश करने से पहले सारे दस्तावेज और फंड्स से जुडी सारी जानकारी एकत्रित कर ले. किसी भी नुक्सान के आप स्वयं ज़िम्मेदार होंगे.
आज आपने क्या सीखा
हमने अपनी इस पोस्ट के जरिये आपको म्यूच्यूअल फण्ड क्या है (Mutual Funds in Hindi) की जानकारी हिंदी में प्रदान करने की कोशिश की है.
हम आशा करते है की आपको हमारी ये पोस्ट पसदं आई होगी तो इसे अभी अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर Mutual Fund in hindi से जुडी कोई भी समस्या है या जानकारी चाहते है तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें जिससे हम आपकी समय में मदद करने की कोशिश कर सकते हैं.
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