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GST क्या है – इसके प्रकार, फायदे और नुकसान

क्या आपको पता है (Goods and Services Tax) GST क्या है, कैसे ये काम करता है, क्या है इसका इतिहास, कितना प्रतिसत लगेगा GST. ये GDP में कुछ बदलाव ला सकता है क्या. कुछ लोग के जहान में और भी सवाल आ रहे हैं जैसे की कोनसी चीजे सस्ती होंगी या महँगी.

क्या सरकर को इस से कुछ फायदा होगा या नुकसान चलिए जानते इसके पीछे क्या है. कितने प्रकार के हैं जी एस टी. लेकिन आजकल हर कोई इसका नाम सुन रहा है. वैसे तो TAX हर कोई भरता है चाहे वो क्यूँ ना goods tax या फिर service tax.

Tax में हर साल कुछ ना कुछ बदलाव आता है. कभी कोई सरकार अपने फायदे के लिए tax को बदलती रहती है. इसमें आम आदमी ही पिसता है. आप कोई भी वस्तु खरीदो जैसे books, biscuits, TV, FAN पानी की बोतल और कुछ भी Services लो जैसे होटल, resturant, हर किसीका आपका आप tax देते हो. अब टैक्स में बदलाव आगया हैं. BJP ने इसकी सुरुवात की थी 2016 में. तो चलिए बिस्तार से जानते है के GST क्या होता है. वहीँ आपको इस article में GST Notes in hindi प्राप्त होंगी.

जीएसटी क्या है – What is GST in Hindi

gst bill kya hai

GST पूरा नाम है Goods and Services Tax. हिंदी में इसे “बस्तुएं और सेवा कर” बोलते हैं. भारत में जो पुराने कर के तरीके थे उन सब को बदल के भारत में एक ही कर लागु होगा उसी का नाम है GST. TAX expert के मुताबिक ये कर भारत के कर के ढांचे को सुधरने के लिए बोहत बड़ा कदम लिया गया है.

ये एक Indirect tax है. यह एक single टैक्स है जिसके लागु होने के बाद सारे बस्तुओं और सेवाओं पे एक ही कर लगेगा. भारत एकीकृत बाजार बन जायेगा. इसको बोलते हैं एक देश एक कर GST क्या हैं in hindi.

जो भी indirect tax थे जैसे Exise tax, Service tax, VAT (Value Added Tax), Entertainment tax जितने भी टैक्स हैं वो सब GST के अंदर आजायेंगे. GST के लिए आपको ये भी जान लेना चाहिए.

एक वस्तु जब कारखाने में बनता है तो वो अलग अलग स्तर से ग्राहक के निकट पोहंचता है. वस्तु बंनने से पहले काचा माल ख़रीदा जाता है. अब इसके उपर VAT जोड़ा जाता है. अगला स्तर है, जब ये माल कारखाने में जाता है तो वहां पे इसका उत्पादन किया जाता है.

अब वस्तु बनने के बाद ये holeseller के पास जाती है फिर वहां पे भी इसके उपर VAT और EXISE Duty जोड़ी जाती है. फिर अब इस माल को retailer खरीदता है और इसके उपर holeseller VAT जोड ता है. आखिर में Retailer इस पे बोहत ही कम VAT जोड़ के ग्राहक को बेचता है.

अब समझ ही गए, हर स्तर में इतना सारा TAX जुड़ रहा है इसलिए दाम इतना बढ़ रहा है. लेकिन GST हर स्तर में लगेगा और ये Fixed रहेगा.

इसी वजह से कुछ वस्तुओं के दाम बढ जायेंगे और कुछ वस्तुओं के दाम कम. GST 5%, 12%, 18%, और 28% में लगेगा. पहले कुछ राज्य मन मुताबिक टैक्स जोड़ते थे लेकिन अब ये नहीं होगा. अब आप जान ही गए होंगे GST होता क्या है और कैसे काम करता है. जानिए GST कब लागु हुआ और इसकी सुरुवात.

जीएसटी का फुल फॉर्म क्या है?

GST का फुल फॉर्म है, Goods and Services Tax.

जीएसटी कब लागू हुआ था?

भारत में GST को पूर्ण रूप से 1 July 2017 में लागु किया गया.

CGST, SGST और IGST क्या होते हैं?

India या भारत एक federal democracy है, मतलब की इसकी constitution में power, responsibility और revenue collection को लेकर clear demarcation होती है States और Centre के बीच में.

जीएसटी नियम

उदाहरण के लिए, law और order आता है state’s jurisdiction के अंतर्गत वहीँ nation’s defence है centre की responsibility. वहीँ GST में भी ऐसे ही clear provisions होने चाहिए, जिससे centre और state इस बात को लेकर कोई overlapping न हो और दोनों ही अपने अपने तरीके से revenue collect कर सकें.

Central GST या CGST उन areas को कहा जाता है जहाँ की centre के powers होते हैं.

State GST के अंतर्गत State के पास taxation capabilities होती है.

वहीँ IGST या Integrated GST उसे कहा जाता है जहाँ की Goods का movement states के भीतर होता है Indian union के. इन्हें union के द्वारा collect किया जाता है लेकिन इसे बाद में states को transfer किया जाता है.लेन-देननई प्रणालीपुरानी व्यवस्थाव्याख्याराज्य के भीतर बिक्रीसीजीएसटी + एसजीएसटीवैट + केंद्रीय उत्पाद शुल्क / सेवा करराजस्व अब केंद्र और राज्य के बीच साझा किया जाएगादूसरे राज्य को बिक्रीआईजीएसटीकेंद्रीय बिक्री कर + उत्पाद शुल्क / सेवा करअंतरराज्यीय बिक्री के मामले में अब केवल एक प्रकार का कर (केंद्रीय) होगा.

इसलिए ये जरुरी है की अगर कभी GST आता है तब इसे पुरे देशभर में simultaneously लाया जाये.

जीएसटी का इतिहास – History of GST in Hindi

आपको थोडा बहुत समझ तो आ गया होगा के GST बिल क्या है, तो चलिए इसका history भी जान लेते है. हर किसीका इतिहास रहता है वैसे ही Goods and Services tax का भी इतिहास है. ये अभी कुछ साल पहले की बात नहीं है इसकी सुरुवात तो 16 वर्स पहले एक महान हस्ती ने की थी.

जिनका नाम है अटल विहारी जी जिनको हर कोई जनता है. जो की BJP के प्रमुख नेता हैं. उस वक्त तो कुछ हुआ ही नहीं. इसके बाद 2007 में बरी थी UPA government Congress की इन्होने ने भी इसका प्रस्ताव रखा था. बिबादों और असमर्थन के कारण कुछ हुआ नहीं.

हमेसा से BJP और UPA इसके समर्थन में थे. लेकिन कुछ TAX की बढोतरी के कारण राज्यसभा में गोंग्रेस का समर्थन नहीं मिला. काग्रेस इसलिए खिलाप थी क्यूंकि बस्तुओं और सेवाओं पे एक प्रतिसत टैक्स जादा था.

आखिर कई राज्य भी इसके खिलाप थे लेकिन बीजेपी ने सबको मानाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी. लोक सभा में 1 मई 2015 को इसकी मंजूरी तो  मिल गई थी. GST में काफी बदलाव के बाद GST 1 जुलाई 2017 को लागु किया गया. ये थी कुछ बातें GST के इतिहास, क्या होता है GST. अब जानिए किन किन वस्तुओं पे लगा है GST.

जीएसटी के लाभ

  1. भारत का वर्तमान कर ढांचा (Tax Structure) बहुत ही जटिल है. भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है.

  2. इस कारण देश में अलग अलग तरह प्रकार के कर लागू है, जिससे देश की वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल है. कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार के कर कानूनों का पालन करना एक मुश्किल होताहै.

GST Act के Components क्या हैं?

इस system के अंतर्गत 3 taxes applicable होते हैं : CGST, SGST और IGST.

  1. CGST: इसे collect किया जाता है Central Government के द्वारा एक intra-state sale में (उदाहरण के लिए transaction होना गुजरात के अंतर्गत)

  2. SGST: इसे collect किया जाता है State Government के द्वारा intra-state sale में (उदाहरण के लिए transaction जो की होता है गुजरात के अंतर्गत)

  3. IGST: इसे collect किया जाता है Central Government के द्वारा inter-state sale में (उदाहरण के लिए गुजरात से केरला )

ज्यादातर cases में, tax का structure जो की नए regime में होगा वो कुछ इसप्रकार होगा :TransactionNew RegimeOld RegimeSale होना राज्य के भीतरCGST + SGSTVAT + Central Excise/Service taxRevenue को share किया जाता है Centre और State के बीच में.Sale करना दुसरे राज्य मेंIGSTCentral Sales Tax + Excise/Service TaxInter-state sales में केवल एक ही प्रकार का tax (central) होगा. फिर Centre share करेगी IGST revenue को destination of goods के आधार में.

UPA की GST और NDA की GST में क्या अंतर है?

चलिए इन दोनों के अंतर के विषय में जानते हैं :

  1. Petroleum sector को GST के अंतर्गत नहीं लाया गया.

  2. जहाँ Liquor (शराब) को GST से दूर रखा गया वहीँ tobacco और tobacco products GST के अंतर्गत आते हैं.

  3. Inter-State में Goods और Services में Movement के ऊपर 1% tax होता है GST के ऊपर.

GST ने किन Taxes को Replace किया?

GST ने replace किया बहुत से प्रकार के indirect taxes को जैसे की,

1.  Central Excise Duty 2.  Service Tax 3.  Countervailing Duty 4.  Special Countervailing Duty 5.  Value Added Tax (VAT) 6.  Central Sales Tax (CST) 7.  Octroi 8.  Entertainment Tax 9.  Entry Tax 10.  Purchase Tax 11.  Luxury Tax 12.  Advertisement taxes 13.  Lotteries के ऊपर Taxes.

किन किन वस्तुओं पे लगा है GST

आपके जहन में एक सवाल आता होगा की क्या GST सभी वस्तुओं और सेवाओं पे लगेगा नहीं. बस एक वस्तु को छोडके सराब. सराब को छोड़ने के बाद जितने भी सामग्री हैं जैसे की चावल, गुड, सब्जी, पनीर, आटा, बेसन, चाय, चीनी, LPG, किरोसीन, calcium, बटर, घी,medecine, जूस, तेल साबुन, soup, ice cream, cement, कार, bike, गाड़ी लगभग सभी वस्तुओं पे और सेवा जैसे गाड़ी मोटर सर्विस, hotel, resturant इन सभी में लगेगा ये tax.

जीएसटी के प्रकार

GST कितने प्रकार की होती है? GST में तिन प्रकार के TAX को लागु किया गया है. पहला CGST, दूसरा SGST और तीसरा IGST.

CGST है Central Goods and Services tax जिसको केद्र सरकर वसूलेगी. इसके बाद आता है SGST State Goods and Services tax इसे फायदा होगा राज्य सरकार को. अब तीसरा है IGST Itegrated Goods and Services ये दो राज्यों के बिच में होने वाले लेन देन पे जो tax लगेगा वो वो बराबर में दोनों को मिलेगा.

राज्य के भीतर लेन देंन पे लगेगा ये दोनों CGST और SGST. अगर लेनदेन एक राज्य से दुसरे राज्य में है तो उसपे लगेगा IGST अब जानिए कितान प्रतिसत GST किन किन सामग्री पे लगेगा TAX और आगे आप जानोगे क्या होगा महंगा और क्या होगा सस्ता.

GST का short-term impact क्या है?

GST के आने से short term के लिए inflation में बढ़ोतरी होगी. GST rate start होता है 5% और 18% taxation services जैसे की restaurants, movies इत्यादि और जुडी हुई होती है price के बढ़ोतरी के साथ. वहीँ शराब के ऊपर GST लागु न होने के कारण, कई जानकारों का मानना है की कुछ capitalist अपने काले धन को सफ़ेद करना चाहते हैं. ऐसा इसलिए क्यूंकि GST में ज्यादा tax देना पड़ता है.

किन किन सामग्री पे कितना फीसदी % लगेगा GST

वस्तुओं के हसाब से TAX प्रतिसत निर्धारित किया जाता है. कुछ वस्तुओं पे GST नहीं लगेगा और कुछ पर लगेगा. चलिए जानते हैं किस पे कितना लगा GST.

1. किन वस्तुओं पे कोई GST नहीं लगेगा

खाद्य अनाज, गुड, दूद, अंडा, दही, खुला पनीर, ताजा सहद, ताजि सब्जी, आटा, बेसन, मैदा, सब्जी का तेल, प्रसाद, नमक, पान के पत्ते, गन्ना इन सब पे GST की छुट है.

2. किन बस्तुओं पे 5% GST लगेगा

चीनी, चाय, Coffee, खाद्य तेल, कोयला, skimmed milk, powder,  दूद से बना हुआ खाद्य, घनीभूत दूद, पैक्ड पनीर, Newsprint, छाता, PDS, केरोसिन, LPG, चुकंदर, ग्रेफाइट, चाक, बरती, CALCIUM, फॉस्फेट इन सब पे 5% tax लगेगा.

3. किन बस्तुओं पे 12% GST लगेगा

बटर, घी, Mobiles, बादाम, cashew, फल जूस, पैक्ड coconut, water, अगरबती, bio-gas, hydrogen peroxide, iodine,

4. किन बस्तुओं पे 18% GST लगेगा

Hair oil, साबुन, toothpaste, पूंजीगत बस्तुएं, पास्ता, मका, लछे, jams, सूप, ice cream, toilets, facial tissue, लोहा, इस्पात, Fountain pen, fluorine, chlorine, मोम इन सब पे 12% टैक्स लगेगा.

5. किन बस्तुओं पे 28% GST लगेगा

कार, cement, chiwing gum, custard powder, perfume, sampoo, make up, bike, गाड़ी, Hair dyes,Hair cream, फटाके इन सब पे 28% tax लगेगा.

GST से क्या होगा सस्ता और क्या होगा महंगा

ये कुछ वस्तुएं सस्ती और महँगी होंगी GST के बाद. जानते है इनके बारे में.

1# घर होंगे सस्ते

GST से Builder काफी डरे हुए हैं. सरकार ने घर और फ्लैट पे 12% GST लगेगा. लेकिन सरकार Input Credit की छुट मिलेगी जिसे इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगी. जिसमे builders को Input credit को दिखाना पड़ेगा और सरकार उनको रियायत देगी.

2# Kitchen सामग्री सस्ती

आप तो आम लोग जादा सामान kitchen का ही इस्तेमाल करता है. जिसमे 18% का tax लगा है. जादा तर सामान होंगे सस्ते.

3# ये सब Tax Free

खाद्य अनाज, गुड, दूद, अंडा, दही, खुला पनीर, ताजा सहद, तजि सब्जी, अट्टा, बेसन, मैदा, सब्जी का तेल, प्रसाद, नमक, पान के पत्ते, गन्ना.

4# सस्ती होंगी bike

अछि बात यह है की Bike 1% टैक्स कम लगेगा जिसे bike वालों को कुछ राहत मिलेगी . इनपे अब tax लगेगा 28%.

5# AC, फ्रिज, Washing Machine भी सस्ती

पहले इन सभी पे 30% से 31% tax लगता था लेकिन GST से ये हो जाये गा 28%. इसलिए ये सब होंगी सस्ती.

6# अब देख सकते हो जादा Films

Movie देखने वालों के लिए अछि खबर है. अब आप जादा समय सिनेमा हॉल में बिता सकते हो. अब movies पे बस 18% टैक्स लगेगा. पहले ये काफी जादा था करीबन 28%. इस GST से बोहत से अभिनेता भी खुस हैं.

7# Cabs होंगी सस्ती

यात्रियों और जो employee जादा तर cabs जैसे OLA और Uber का इस्तेमाल करते हैं. अब कम भाडे में इनकों बुक कर सकते हैं. पहले वैसे Taxi वाले लूट रहे थे लेकिन जो cab aaps से book होती हैं वो होंगी सस्ती.

8#बड़ी Car होंगी महंगी और छोटी कार होंगी सस्ती

जो middle class वाले हैं, उनके लिए अछि खबर है. क्यूंकि इस महंगे जमने GST से पहले ये छोटी CAR भी महंगी थी. लेकिन अब आप सस्ते में खरीद सकते हो. अगर आप Delhi के हो तो कुछ बदलाव नहीं होगा. बड़ी car हो सकती हैं महंगी.

9# Sleeper Ticket सस्ती और AC Ticket होंगी महंगी

आपको ये तो पता चल ही गया होगा की बजट से पहले टिकेट के रेट में मद्लाव आया है. sleeper और general ticket होंगी सस्ती इसमें कोई टैक्स नहीं है. लेकिन बात करें AC की इस में 5% TAX लगेगा और AC बसों में भी. तो स्लीपर वालों कुछ रहत है GST से.

10# Station के खाने होंगे सस्ते

बिना AC वालों Train में Service tax नहीं लगेगा. फिर बी पहले 12.5% VAT लगता वो अब हो गया है 12% मतलब 0.5% tax में कटोती हुई है. ये थी कुछ जानकारी GST से क्या होगा सस्ता और क्या होगा महंगा. सारे देश में लग गया है एक ही tax.

भारत में आया देरी से GST और GDP में क्या होगा बदलाव

एक बात जानके आपको हेरानी होगी GST भारत से पहले करीबन 165 देशों में पहले से ही लागु है. इसका मतलब यह हुआ की GST भारत में काफी देरी से आया है. इन देशों में भी अलग अलग तरह के TAX देने की जरुरत नहीं पड़ती.

हर Business man महीने में एक बार return file करना पड़ेगा. भारत के GDP में बढ़ोतरी होने की संभाबना है. इस से भारत की काफी तरकी होने की संभाबना है. हर Business man को हर टैक्स पे Input credit मिलेगा. इस से  सरकार के पास हर एक कारोबार का हिसाब रहेगा. 1 july से GST को समर्थन.

GST के आने से कौन कौन से चीज़ें costly और कौन कौन से चीज़ें सस्ती होनी वाली हैं?

Experts के अनुसार, नीचे दिए गए items कीमती होने वाली हैं :

  1. Cigarette की कीमतें बढ़ने वाली हैं क्यूंकि tobacco पर ज्यादा tax लगने वाला है.

  2. Commercial vehicles जैसे की trucks अब कीमती होने वाले हैं.

  3. Mobile phone calls थोडा costly हो सकता है.

  4. Textile और branded jewellery भी costlier बन जायेगा.

Experts के अनुसार, नीचे दिए गए items सस्ती होने वाली हैं :

  1. Auto: entry-level cars, two-wheelers, SUVs की कीमत में गिरावट दिखाई पड़ सकती है.

  2. Car batteries ज्यादा सस्ती होने वाली हैं.

  3. Paint, cement prices की कीमत में गिरावट.

  4. Movie ticket prices सस्ती होंगी.

  5. Electronics items जैसे की fans, lighting, water heaters, air coolers, सस्ती हो जाएँगी.

आज आपने क्या सीखा

तो दोस्तों आज की जानकारी काफी महत्वा पूर्ण है. जिसमे GST क्या है (What is GST Bill in Hindi) की बहुत अछि जानकारी है. इसके साथ ज़माने के साथ चलने के लिए ये भी जानना जरुरी था की GST कितने प्रकार के होते हैं और GST कैसे काम करेगा.

सस्ती चीज सबको पसंद इसलिए मैंने आपको ये भी बताया GST से क्या होगा सस्ता और क्या होगा महंगा. इसके साथ साथ कुछ और भी जानकारी आपको मिली है. उमीद तो यही GST से कुछ अच्छा ही होगा. यहाँ पर आपको जीएसटी पर निबंध हिंदी में जानने को मिला.

उमीद है ये लेख पसंद आया होगा कैसा लगा आप जरुर निचे बताइए. अगर अभी बी कोई सवाल आप पूछना चाहते हो तो निचे Comment Box में जरुर लिखे.

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